रायपुर. मेयर एजाज ढेबर की पत्नी और बेटी ने राज्यपाल अनुसुइया उइके से शिकायत की। इस बात की जानकारी खुद राज्यपाल ने एक कार्यक्रम में दी। दरअसल, सोमवार को राजभवन के दरबार हॉल में नर्सिंग टीचर और डायरेक्टर्स का सम्मान समारोह था। इसमें राज्यपाल चीफ गेस्ट थीं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राजनीति में लोग सार्वजनिक जीवन जी रहे होते हैं। उनकी अपनी कोई लाइफ नहीं होती। मैं मेयर एजाज ढेबर को देखती हूं कि वे शहर की सुविधाओं को लेकर कितना जूझते रहते हैं। इतना कि वे घर में भी पर्याप्त टाइम नहीं दे पाते। उन्होंने मुस्कुराते हुए बहुत ही हल्के मूड में कहा कि एक बार तो इनकी पत्नी और बेटी मेरे पास आए थे। शिकायतें लगा रहे थे कि हमें टाइम नहीं देते। इस वजह से एजाज रातभर सो नहीं पाए थे।
दो बार राज्यपाल की कार में बैठने वाला पहला मेयर
मेयर एजाज ढेबर ने कहा कि फिल्मों में हम हीरो और हिरोइन को जानते हैं, जबकि असली मेहनत तो निर्माता-निर्देशक की होती है। ऐसे ही नर्सेस को सभी जानते हैं लेकिन इन्हें तैयार करने वाले नर्सिंग टीचर्स और संचालक को नहीं जानते। ऐसे में यह कार्यक्रम बहुत ही सराहनीय है। मेयर की इस बात का समर्थन राज्यपाल ने भी किया। मेयर ने कहा कि इस दरबार हॉल में मैं दर्शक दीर्घा पर ही बैठा हूं आज पहली बार यहां संबोधन का अवसर मिला है। मैं एकमात्र मेयर रहा जो राज्यपाल की कार में दो बार बैठा हूं। हमारे राज्य के लिए यह बड़ी उपलब्धि है कि हमें ऐसी राज्यपाल मिलीं जो सबसे ज़्यादा डेलिगेट्स के साथ मिलीं।
मैंने कभी नहीं सोचा था राज्यपाल बनूंगी
राज्यपाल ने कहा, मैं मध्यम-गरीब तबके से आई हूं। कॅरियर की शुरुआत छात्र राजनीति से हुई। इसके बाद विधायक और मंत्री बन गई। फिर राज्यपाल भी बनी। मैंने कभी सोचा नहीं था कि यहां तक पहुंच पाऊंगी। मुझे ऐसा लगता है कि सेवाभाव के चलते यह उपलब्धि हासिल हुई है। मैंने हमेशा लोगों की मदद की। मदद करने से खुशी भी मिलती है।